अगर ना दे भाग्य तुम्हारा साथ तो तुम अपने प्रबल करो कर्म को , कर दो इतना विस्तार की होगी तेरी जय -जयकार | रच दो तुम इतिहास संभालो अपने होश -हवास , खींच दो अपने हाथ में कर्म की लकीर को | प्रबल करो कर्म को विस्तार करो कर्म का , मिटा दो भाग्य का लेखा -जोखा कर्म ही प्रधान है | कर्म ही प्रधान है कर्म ही पूजा और कर्म ही महान है |
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