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Showing posts from January, 2023

तारीफें चाय की

कड़क  ठंडक में , कड़क  चाय का मजा  जो ना पिए , वो क्या जाने चाय का नशा  |   ये लालची  पकौड़े  भी , तुम बिन अधूरे लगते है  लाख डालो कोई भी  चटनियां , ये तुमसे ही पूरे होते हैं | सुन ले पकौड़े ,चाय के सामने तुम्हारी  औकात फीके है  हम लौट आते उस जगह से , जहां सिर्फ  पकौड़े  बिकते है | कहीं-कहीं   खूब आग्रह  होता  , दो-चार पकौड़े खा लो जी रहा नहीं  जाता  "सोनी " को  साथ में  चाय  भी दे दो  जी | तुम्हारा भी अपना नशा है , हर घरों में मौजूद तुम  एक बार दिल लगाकर  देखो , दारू तक छोड़  दोगे तुम  |