है माघ शुक्ल बसंत-पंचमी का दिन,
होती मां की जय -जयकार |
हे कला की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती,
तेरी महिमा अपरंपार |
हे वीणापाणि !हे विद्यादाता!
तेरे से ही सूर भी आता |
हे हंसवाहिनी! हे ज्ञानदायिनी!
बारंबार नमस्कार है |🙏🙏
हे शारदा !हे भारती ! हे शांति स्वरूपा ! मां भगवती
तेरी कृपा की आस है |
हे वागेश्वरी ! चारों वेदों की हो तुम ज्ञाता,
अज्ञानता हमारी दूर करो माता |
हे वीणापुस्तकधारिणी !हे श्वेतपद्मासना !
स्फटिक की माला लिए तुम सुशोभित |
हे श्वेतांबरा !हे बुद्धिदायिनी !
तुमसे है जग में प्रसिद्धि |
हे माँ, रख दो अपना हाथ"सोनी" के सर पर भी
सफल हो जाएगा जीवन, इस मूढ़ अज्ञानी की |
It is Magha Shukla Basant-Panchami day,
Hail to mother
O Goddess Saraswati, the founder of art
Your glory is uncompromising.
O VeenaPani! O scholar!
Sur also comes from you.
Hey Hanswahini O Gyanadini!
Hello again and again. 🙏🙏
O Sharda! O Bharathi! Hey Shanti Swaroopa! Maa bhagwati
There is a hope for your grace.
Hey Vageshwari! You are the knowledgeer of the four Vedas,
Remove our ignorance, Mother.
O VeenaPustakadharini! O Whitehead
Embellish you with a rhinestone garland.
O Shwetambara! O wisdom!
You have fame in the world.
Hey mother, put your hand on the head of "Soni"
Life will be successful, this foolish ignorant.
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