Skip to main content

जिंदगी हर बार न आती है


आत्महत्या कभी-कभी एक साजिश होती है  |

हो अपने द्वारा या रचाए या फिर पराए,

ये आत्महत्या बहुत दुखदायी होती है  |


कभी हो पैसौं की तंगी  , 

कभी भूख-प्यास से मंदी  

कभी अगल-बगल के ताने,

चाहे बूढ़े हो या सयाने  

ये आत्महत्या सब सूनी करती है  |


कभी किसी ने पहुंचाया क्लेश,

कभी स्वाभिमान को पहुँचा ठेस 

धीरे -धीरे ये डिप्रेशन बनती है |

जो आत्महत्या का रूप लेती है |


कभी दहेज़ -प्रथा की मार ,

कभी गरीबी करे लाचार 

कभी अकेलेपन का बोझ,

कभी मन से मिटे ना रोष  

हर हाल में ये बहुत दुखदायी होती है |


कभी परीक्षा फलों की मार,

कभी हो किसी का शिकार 

कभी असफलता बारंबार  , 

कभी-कभी ये मजबूर बनाती है  |

ये आत्महत्या बहुत कष्टदायक होती है |


हो अपने हो या पराये, 

ना जाने किसके द्वारा रचाए?

कभी -कभी तो ये एक साजिश होती है |

ये आत्महत्या बहुत दुखदायी होती है |


कभी मन पर भारी बोझ  , 

कभी समस्या ताबड़तोड़  

कभी कर न सके खुद को तैयार  , 

कभी हो गए हम लाचार 

ये आत्महत्या बदनाम बनाती है |

ये आत्महत्या बहुत दुखदायी होती है |


कभी यश -धन अपरंपार, 

कभी अपनों का हो प्यार

फिर भी ये समझ नहीं आती है , 

ये आत्महत्या फिर भी क्यों आती है   ? 


फिर भी बार-बार करना विचार,

क्योंकि ये जिंदगी हर बार ना आती है |

हर बार ना आती है ||


है जिंदगी का जंग, इन इंसानों के संग

" सोनी " यही तो हमें जानवरों से इंसान बनाती है |

यही तो हमें जिंदगी जीना सीखाती है |


Suicide is sometimes a conspiracy.

 Be it yourself or created or defeated,


 This suicide is very painful.




 Sometimes there is a financial crisis,


 Ever hungry and thirsty


 Sometimes the side taunts,


 Whether old or grown


 This suicide is all listened to.




 Sometimes someone brought tribulation,


 Ever hurt self respect


 Gradually, it becomes depression.


 Which takes the form of suicide.




 Sometimes the dowry - the hit of the script,


 Never help poverty


 Sometimes the burden of loneliness,


 Never mind never fury


 In any case, it is very painful.




 Never test fruit,


 Ever be someone's victim


 Never fail again and again,


 Sometimes it forces.


 This suicide is very painful.




 Be it yours or strangers,


 Don't know by whom?


 Sometimes it is a conspiracy.


 This suicide is very painful.




 Sometimes heavy burden on the mind,


 Never problem


 Never could prepare yourself,


 Have we ever been helpless


 This makes suicide infamous.


 This suicide is very painful.




 Sometimes fame and wealth,


 Ever love your loved ones


 Still do not understand it,


 Why does this suicide still happen?




 However, the idea of ​​doing it again and again,


 Because this life does not come every time.


 Does not come every time ||




 War of life is with these humans


 "Soni" is what makes us humans from animals.


 This is what teaches us to live life.

Comments

Popular posts from this blog

संक्षिप्त नहीं हो पाता , विस्तार कर देती हूँ

 संक्षिप्त नहीं हो पाता, विस्तार कर देती हूंँ | कितना भी कोशिश करूं, मैं बातों को तिल से ताड़ कर देती हूंँ | ना संक्षिप्त कहना आता है ,ना  सुनना आता है  कुछ ऐसे भी हैं  , जिन्हें इनकार कर देती हूंँ |  हरदम बूढ़े -बुजुर्गों का जय - जयकार कर लेती हूंँ | बात ही होते हैं कुछ ऐसे ,जो तिल के लायक नहीं होते  उन्हीं बातों को अकसर तिल से ताड़ कर देती हूंँ |  ऐसे ही लोगों का परित्याग कर देती हूँ | बात करने का यह तरीका भी , कितना खूब भाता है  इसी तरह से , मैं विचार कर लेती हूँ |  ना जाने , कितने को दूर से पास कर लेती हूंँ | अकसर खुलकर नहीं बोलने से , बहुत से रिश्ते टूट  से जाते हैं  किसी का हमदर्द बनने के लिए , मैं विस्तार से सुनती हूंँ |  किसी का गम बाॅटने के लिए , मैं तैयार ही रहती हूंँ | आदत है विस्तार तो , विस्तार कर लेती हूंँ  अकसर मैं अपने कामों को , दिन से रात कर लेती हूंँ |  कभी-कभी तो खुद से तकरार कर लेती हूंँ | कहना होता है थोड़ा  , पर्याप्त कर लेती हूंँ  ना जाने क्यों , दूसरे का परवाह कर लेती हूंँ |  कभ...

हर रोज मातृ दिवस हूँ मनाती

 मैं सिर्फ एक दिन की मातृ दिवस को नहीं मानती क्योंकि,  मैं हर रोज मातृ दिवस हूँ मनाती   | सिर्फ एक दिन का यह त्योहार  मुझे नहीं है भाता क्योंकि ,  हर  रोज जुड़ा है माँ तुम से ही नाता  | भले ही हर रोज मैं व्यक्त नहीं कर पाती  ,  औरों को क्या पता तुम फाड़ कर देखो मेरी छाती  | दिखावे की इस  दुनिया से बहुत दूर हूंँ माँ,  ये कुछ और नहीं तेरा आशीष है माँ  | क्या लिखूँ तेरे बारे में "सोनी " की ऑखें भर आती है ,  मेरी उम्र भी तुझे लग जाए क्योंकि , तुम से ही मैं हूँ माँ  | I do not consider Mother's Day just one day because,  I celebrate Mother's Day everyday.  I do not like this one day festival because,  Mother is connected to you everyday.  Even though I cannot express everyday,  What do others know, you tear my chest.  I am far away from this world of show, mother  This is nothing but your blessing, Mother.  What should I write about you, "Soni "'s eyes are filled with ...

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ  , मैं नारी हूँ    मैं दुर्गा , राधा , काली हूँ   | मैं लक्ष्मी , सरस्वती , सीता हूंँ मैं भगवद्  की गीता  हूंँ  |  मैं नारी हूंँ , मैं नारी हूंँ  ||  मैं गायत्री , सती , सावित्री  ,  मैं धर्म की प्रणेता हूंँ  | मैं शक्ति हूंँ  , मैं रक्षक हूंँ  मैं ही सृजनकर्ता हूंँ   |  मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ   || मैं माँ , बहू ,बहन और बेटी हूंँ  मैं लक्ष्मी स्वरूपा पत्नी हूंँ  |  मैं रूपवती  , मैं गुणवती  मैं ही तो सहनशक्ति हूंँ | मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ    | | मैं अच्छी हूंँ , मैं अच्छी हूंँ  देखो इधर , मैं सच्ची हूंँ  |  मैं ढाल हूंँ  , मैं ढाल हूंँ     मैं शत्रुओं की काल हूंँ  |  मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ  | | मैं  पूजा , अर्चना और साधना हूंँ  मैं आरती और प्रेरणा हूंँ   | मैं शांति हूंँ , मैं श्रद्धा हूंँ   मैं ही तो समृद्धि हूंँ ...