Skip to main content

आजकल की मम्मियाॅ

 आजकल की मम्मियाॅ तो, 

गजब  ढा रही है |

उम्र 40 की 20 बता रहीं है |




ना जाने चेहरे पर, 

कितनी क्रीम-पाउडर पोत रही हैं |

पापा के सारे पैसे पानी में बहा रही हैं|


आजकल की मम्मियाॅ तो, 

गजब ढा रही हैं |


ना जाने क्यों, 

बार-बार शाॅपिंग जा रही है | 

अपने लिए हीरोइन जैसे, 

कपड़े ला रही है |


"सोनी "आजकल की मम्मियाॅ तो, 

गजब ढा रहीं हैं |


काम-काज छोड़कर सेल्फी ले रही हैं |

बेचारे पापा सब कुछ सह रहे हैं, 

मम्मी के लिए गरमागरम, 

चाय और पकौड़े बना रहे हैं |


Nowadays mommy,


 It is amazing.


 20 is telling the age of 40.






 Don't know on the face,


 How many cream-powder vessels are there?


 Papa's money is flowing in the water.




 Nowadays mommy,


 It is amazing.




 Don't know why


 Going shopping again and again.


 Like a heroine for yourself,


 Bringing clothes.




 Nowadays mommy,


 They are amazing.




 Leaving work and taking selfies.


 Poor dad is tolerating everything,


 Hot for mommy


 Making Tea and Dumplings.

Comments

Popular posts from this blog

संक्षिप्त नहीं हो पाता , विस्तार कर देती हूँ

 संक्षिप्त नहीं हो पाता, विस्तार कर देती हूंँ | कितना भी कोशिश करूं, मैं बातों को तिल से ताड़ कर देती हूंँ | ना संक्षिप्त कहना आता है ,ना  सुनना आता है  कुछ ऐसे भी हैं  , जिन्हें इनकार कर देती हूंँ |  हरदम बूढ़े -बुजुर्गों का जय - जयकार कर लेती हूंँ | बात ही होते हैं कुछ ऐसे ,जो तिल के लायक नहीं होते  उन्हीं बातों को अकसर तिल से ताड़ कर देती हूंँ |  ऐसे ही लोगों का परित्याग कर देती हूँ | बात करने का यह तरीका भी , कितना खूब भाता है  इसी तरह से , मैं विचार कर लेती हूँ |  ना जाने , कितने को दूर से पास कर लेती हूंँ | अकसर खुलकर नहीं बोलने से , बहुत से रिश्ते टूट  से जाते हैं  किसी का हमदर्द बनने के लिए , मैं विस्तार से सुनती हूंँ |  किसी का गम बाॅटने के लिए , मैं तैयार ही रहती हूंँ | आदत है विस्तार तो , विस्तार कर लेती हूंँ  अकसर मैं अपने कामों को , दिन से रात कर लेती हूंँ |  कभी-कभी तो खुद से तकरार कर लेती हूंँ | कहना होता है थोड़ा  , पर्याप्त कर लेती हूंँ  ना जाने क्यों , दूसरे का परवाह कर लेती हूंँ |  कभ...

हर रोज मातृ दिवस हूँ मनाती

 मैं सिर्फ एक दिन की मातृ दिवस को नहीं मानती क्योंकि,  मैं हर रोज मातृ दिवस हूँ मनाती   | सिर्फ एक दिन का यह त्योहार  मुझे नहीं है भाता क्योंकि ,  हर  रोज जुड़ा है माँ तुम से ही नाता  | भले ही हर रोज मैं व्यक्त नहीं कर पाती  ,  औरों को क्या पता तुम फाड़ कर देखो मेरी छाती  | दिखावे की इस  दुनिया से बहुत दूर हूंँ माँ,  ये कुछ और नहीं तेरा आशीष है माँ  | क्या लिखूँ तेरे बारे में "सोनी " की ऑखें भर आती है ,  मेरी उम्र भी तुझे लग जाए क्योंकि , तुम से ही मैं हूँ माँ  | I do not consider Mother's Day just one day because,  I celebrate Mother's Day everyday.  I do not like this one day festival because,  Mother is connected to you everyday.  Even though I cannot express everyday,  What do others know, you tear my chest.  I am far away from this world of show, mother  This is nothing but your blessing, Mother.  What should I write about you, "Soni "'s eyes are filled with ...

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ  , मैं नारी हूँ    मैं दुर्गा , राधा , काली हूँ   | मैं लक्ष्मी , सरस्वती , सीता हूंँ मैं भगवद्  की गीता  हूंँ  |  मैं नारी हूंँ , मैं नारी हूंँ  ||  मैं गायत्री , सती , सावित्री  ,  मैं धर्म की प्रणेता हूंँ  | मैं शक्ति हूंँ  , मैं रक्षक हूंँ  मैं ही सृजनकर्ता हूंँ   |  मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ   || मैं माँ , बहू ,बहन और बेटी हूंँ  मैं लक्ष्मी स्वरूपा पत्नी हूंँ  |  मैं रूपवती  , मैं गुणवती  मैं ही तो सहनशक्ति हूंँ | मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ    | | मैं अच्छी हूंँ , मैं अच्छी हूंँ  देखो इधर , मैं सच्ची हूंँ  |  मैं ढाल हूंँ  , मैं ढाल हूंँ     मैं शत्रुओं की काल हूंँ  |  मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ  | | मैं  पूजा , अर्चना और साधना हूंँ  मैं आरती और प्रेरणा हूंँ   | मैं शांति हूंँ , मैं श्रद्धा हूंँ   मैं ही तो समृद्धि हूंँ ...