तुम अपना आभास कराओ |
सब मिल करते तेरा आवाह्न ,
तुम अपनी करूणा तो लुटाओ |
थक चुके हैं , रुक चुके हैं
इस विनाश को तुम ही रोक पाओ |
ये कैसा तबाही का मंजर ,
चारों ओर हाहाकार मच रहा है |
कैसा ये अदृश्य शत्रु (वायरस) ,
जिसे सिर्फ तुम ही समझ पाओ |
"सोनी " करती तेरा आवाह्न ,
तुम अपनी करुणा तो लुटाओ |
हे अदृश्य शक्ति !
इस अदृश्य शत्रु से निजात दिलाओ |
हमारी भूलों को माफ करो तुम ,
हमें अपना शरणागत बनाओ |
हमसब है तेरे संतान ,
अब और ना देरी लगाओ |
O invisible power!
You make yourself feel.
Everyone meet you,
Loot your compassion
Tired tired
Only you can stop this destruction.
What kind of destruction is this,
There is a commotion all around.
What kind of invisible enemy (virus),
Which only you can understand.
"Soni" does your call,
You should lavish your compassion.
O invisible power!
Get rid of this invisible enemy.
Forgive us our mistakes,
Make us your refuge.
We all are your children,
Do not delay any longer.
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