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औरतों की बातें


ना जाने ये औरतें क्यों 

एक -दूसरे पर फिदा होती हैं  , 

फटाफट सारे काम निपटाकर

बातों का पिटारा खोल देती है  |


कहॉ -कहाॅ से रिश्ते- नाते की बातें

 ढूंढ -ढूंढ कर लाती हैं , 

रसोई घर से होते हुए

मॉल -शॉपिंग तक जाती है |


बॉलीवुड- हॉलीवुड की सैर करते हुए 

राजनीति में टांग अडा़ती हैं , 

होती है बेहद खास

हर समस्या का समाधान जानती है |


कर ले कितनी भी तारीफें 

चुगली के बिना नहीं रह पाती हैं  , 

चुगली करना भी जरूरी क्योंकि ,

खाना हजम नहीं कर पाती है |


क्या करे बेचारी 

ऊपर वाले को दया तक नहीं आती हैं , 

"सोनी "ऊपर वाले को दया तक नहीं आती है |


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