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इंसान हो , इंसान ही रहो

 आजकल सब महान  बनना चाहते हैं ,  लेकिन  , एक सही इंसान बनना नहीं चाहते हैं  | पहले तो एक सही इंसान बनो  ,  फिर तुम महान बनो | महान बनने के लिए न तुम शैतान बनो  ,  न ही तुम हैवान बनो  | इंसान हो , इंसान ही रहो   "सोनी " साथ में इंसानियत रखो  | न तुम भगवान बनो ,  न तुम बेईमान बनो  ,  इंसान हो  , इंसान ही रहो  | Nowadays everybody wants to be great,  However, we do not want to be a right person.  First of all be a right person,  Then you become great.  Do not be a devil to become great  Nor should you be cruel.  Be human be human  Put "Sony" together as a human being.  Dont you be god  Neither you be dishonest  Be a human being, be a human being.

मास्क

  छोटा-सा मास्क  ,   हो गया है बेहद खास |  सब लोग रखते हैं  ,   हरदम अपने पास |

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ  , मैं नारी हूँ    मैं दुर्गा , राधा , काली हूँ   | मैं लक्ष्मी , सरस्वती , सीता हूंँ मैं भगवद्  की गीता  हूंँ  |  मैं नारी हूंँ , मैं नारी हूंँ  ||  मैं गायत्री , सती , सावित्री  ,  मैं धर्म की प्रणेता हूंँ  | मैं शक्ति हूंँ  , मैं रक्षक हूंँ  मैं ही सृजनकर्ता हूंँ   |  मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ   || मैं माँ , बहू ,बहन और बेटी हूंँ  मैं लक्ष्मी स्वरूपा पत्नी हूंँ  |  मैं रूपवती  , मैं गुणवती  मैं ही तो सहनशक्ति हूंँ | मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ    | | मैं अच्छी हूंँ , मैं अच्छी हूंँ  देखो इधर , मैं सच्ची हूंँ  |  मैं ढाल हूंँ  , मैं ढाल हूंँ     मैं शत्रुओं की काल हूंँ  |  मैं नारी हूंँ  , मैं नारी हूंँ  | | मैं  पूजा , अर्चना और साधना हूंँ  मैं आरती और प्रेरणा हूंँ   | मैं शांति हूंँ , मैं श्रद्धा हूंँ   मैं ही तो समृद्धि हूंँ ...

खाली पेट भजन नहीं होता

 खाली पेट भजन नहीं होता,  व्रत वाले दिन सहन नहीं होता | यूँ ही सबका मिलन नहीं होता,  भक्त और भगवान का दूरी सहन नहीं होता | उनके घर अंधेर नहीं होता,   "सोनी " रखो सब्र , सब कुछ मिल जाता | There is no Bhajan on an empty stomach,  Fasting days are not tolerated.  Not everyone meets like this,  The distance between the devotee and God is not tolerated.  Their house is not dark,  Keep the "Sony" Patience, you get everything.

इस मोबाइल ने सबको अपने वश में कर लिया है

 इस मोबाइल ने सबको ,अपने वश में कर लिया है | हमको, तुमको ,उसको ,आपको  सबको ,अपने पास कर लिया है |   इधर से , उधर से , यहाँ से , वहाँ से  न जाने कितने सारे , मित्र बना दिया है  | सारे जनों को जोड़ दिया है |  हम माने या ना माने ,  सकारात्मक विचारों का ढेर लगा दिया है  | यह विचार वह लाइक और कमेंट के लिए छोड़ दिया है | चाहे जिंदगी में , कितने भी व्यस्त क्यों ना हो ? अपने लिए उसने समय निकलवा लिया है | हर रोज एक काम बढ़ा दिया है | इस बदलते परिवेश के युग में , धीरे-धीरे मतलबी बना दिया है | सबको अपने सहारे चलना सिखा दिया है | सारे ज्ञानों से परिपूर्ण होकर ,  दुनिया को खुद में सिमट लिया है | मन के भावों को स्पष्ट करना सिखा दिया है  |  चुंबक की तरह खींचकर  ,   सबको अपना दीवाना बना दिया है  | " सोनी" को भी अपना लत लगा दिया है | This mobile has got everyone under control.  Us, you, him, you  Everyone, you have got it.  From here, from there, from here, from there  Don't know how many friends have been mad...

आज को कल पर टाला

 आज को हमेशा कल पर टाला | कल कभी ना, हो पाया मेरा  फिर से आज ही आया मेरा | झट से मैंने आज तो बोला,  कल झेलूंगी तेरा झमेला | आलस सब कुछ देख रहा था,  मन ही मन मुसका रहा था | आखिर,जम गया उसका बसेरा   उसे मिला जो इंसानों का डेरा | फन मारकर बैठ गया यह दुश्मन ,  क्योंकि "सोनी" ने दे दी उसे दस्तक | जब भड़क पर बैठी उसके आगे,  उसके रंग हो गए सारे फीके | अब तक के उपलब्धियों को गिना,  कुछ नहीं था,मैं हो गई सूना | हाय रे! मैं तो लूट गई,  क्योंकि आज को मैंने कल पर टाला | Today always avoided tomorrow.  Never tomorrow i could  I came again today.  Quickly I said today,  Tomorrow Jhelungi tera jhamela |  Laziness was watching everything,  The mind was smiling.  After all, his base was frozen  He got what humans camped on.  This enemy sat down to death  Because "Soni" knocked him out.  When sitting in front of the flare,  His colors fade all over.  Count the achievements so far,  Ther...

संक्षिप्त नहीं हो पाता , विस्तार कर देती हूँ

 संक्षिप्त नहीं हो पाता, विस्तार कर देती हूंँ | कितना भी कोशिश करूं, मैं बातों को तिल से ताड़ कर देती हूंँ | ना संक्षिप्त कहना आता है ,ना  सुनना आता है  कुछ ऐसे भी हैं  , जिन्हें इनकार कर देती हूंँ |  हरदम बूढ़े -बुजुर्गों का जय - जयकार कर लेती हूंँ | बात ही होते हैं कुछ ऐसे ,जो तिल के लायक नहीं होते  उन्हीं बातों को अकसर तिल से ताड़ कर देती हूंँ |  ऐसे ही लोगों का परित्याग कर देती हूँ | बात करने का यह तरीका भी , कितना खूब भाता है  इसी तरह से , मैं विचार कर लेती हूँ |  ना जाने , कितने को दूर से पास कर लेती हूंँ | अकसर खुलकर नहीं बोलने से , बहुत से रिश्ते टूट  से जाते हैं  किसी का हमदर्द बनने के लिए , मैं विस्तार से सुनती हूंँ |  किसी का गम बाॅटने के लिए , मैं तैयार ही रहती हूंँ | आदत है विस्तार तो , विस्तार कर लेती हूंँ  अकसर मैं अपने कामों को , दिन से रात कर लेती हूंँ |  कभी-कभी तो खुद से तकरार कर लेती हूंँ | कहना होता है थोड़ा  , पर्याप्त कर लेती हूंँ  ना जाने क्यों , दूसरे का परवाह कर लेती हूंँ |  कभ...

जिस रिश्ते में एहसास ना हो , वो रिश्ता है क्या?

जिस रिश्ते में एहसास ना हो, वो रिश्ता ही क्या ? जिस रिश्ते में सांस ना हो , वो रिश्ता ही क्या ? जिस रिश्ते में आस ना हो, वो रिश्ता ही क्या  ? जिस रिश्ते में हंसी - मजाक ना हो, वो रिश्ता ही क्या  ? जिस रिश्ते में दिल के पास ना हो , वो रिश्ता ही क्या ? जिस रिश्ते में विश्वास ना हो, वो रिश्ता ही क्या  ? जिस रिश्ते में  मेल-भाव ना हो , वो रिश्ता ही क्या  ? जिस रिश्ते में अपने का भाव ना हो, वो रिश्ता ही क्या  ?  जिस रिश्ते में साथ ना हो ,वो रिश्ता ही क्या?  जिस रिश्ते में खास ना हो, वो रिश्ता ही क्या  ?  जिस रिश्ते में हाथ- में - हाथ ना हो, वो रिश्ता ही क्या  ?  जिस रिश्ते में एहसास ना हो, "सोनी" वो रिश्ता ही क्या  ?  What is the relationship in which there is no realization?  What is the relationship in which there is no breath?  What is the relationship in which there is no hope?  What is the relationship in which there is no laughing-joke?  What is the relationship that the heart does not have? ...

आखिर में "कर्म" अपना रंग दिखा ही देता है

 आखिर में "कर्म" अपना रंग दिखा ही देता है,  "कर्म प्रधान है" यह बता ही देता हैं| Finally, "karma" shows its color, "Karma is predominant".

स्वाभिमानी बनो क्योंकि, वह तुम्हें उठाने की औकात रखता है |

 स्वाभिमानी बनो क्योंकि,  वह तुम्हें उठाने की औकात रखता है | अहंकारी मत बनो क्योंकि,  वह तुम्हें गिराने की औकात जानता है | Be proud because,  He intends to raise you.  Don't be cocky because  He knows how to make you fall.

आजकल के रिश्ते

है कशमकश रिश्तो की, जिंदगी की महफिल में  कौन खोता है, कौन पाता है ?  कौन रोता है, कौन हंसता है ?  रिश्तों की आड़ में तड़पते देखा है | आजकल के रिश्ते, समझ ना आते हैं   न जाने किस बात से ये खफा होते हैं |  धीरे-धीरे इगो को बढ़ते देखा है ,  रिश्तो की आड़ में तड़पते देखा है | आजकल के रिश्ते ,ना संभाले जाते हैं  ये रिश्ते ना तोड़े जाते हैं | रिश्तो की आड़ में घसीटते देखा है ,  रिश्तो की आड़ में जगते देखा है | ना किसी के होने की खुशी ,  ना किसी के जाने का गम | फिर भी न जाने ,ये किस बात से व्यथित होते हैं  रिश्तो की आड़ में तड़पते देखा है | किसी के खुशी से दुखी ,  ना किसी को पहचानने में रुचि | न जाने ये क्या सोचते रहते हैं ? रिश्तो की आड़ में मतलबी होते देखा है | It is difficult for relatives, in life's meeting  Who loses, who gets?  Who cries, who laughs?  Have seen suffering in the guise of relationships.  Today's relationships don't make sense   Do not know why they are upset.   Iago is seen growing sl...

बसंत पंचमी

 है माघ शुक्ल बसंत-पंचमी का दिन,  होती मां की जय -जयकार | हे कला की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती,  तेरी महिमा अपरंपार | हे वीणापाणि !हे विद्यादाता!  तेरे से ही सूर भी आता | हे हंसवाहिनी! हे ज्ञानदायिनी!  बारंबार नमस्कार है |🙏🙏 हे शारदा !हे भारती ! हे शांति स्वरूपा ! मां भगवती तेरी कृपा की आस है | हे वागेश्वरी ! चारों वेदों की हो तुम ज्ञाता,  अज्ञानता हमारी दूर करो माता |    हे वीणापुस्तकधारिणी !हे श्वेतपद्मासना ! स्फटिक की माला लिए तुम सुशोभित | हे श्वेतांबरा !हे बुद्धिदायिनी ! तुमसे है जग में प्रसिद्धि | हे माँ, रख दो अपना हाथ"सोनी" के सर पर भी सफल हो जाएगा जीवन, इस मूढ़ अज्ञानी की | It is Magha Shukla Basant-Panchami day,  Hail to mother  O Goddess Saraswati, the founder of art  Your glory is uncompromising.  O VeenaPani! O scholar!  Sur also comes from you.  Hey Hanswahini  O Gyanadini!  Hello again and again. 🙏🙏  O Sharda! O Bharathi!  Hey Shanti Swaroopa!  Maa bhagwati  There ...

इस लेखनी का रंग जिस पर चढ़ जाऍ

 इस लेखनी का रंग जिस पर चढ़ जाऍ  ,  उसे तो बिना लिखे हुए चैन ना आए | किस तरह से छिप -छिप कर वह लिख पाऍ  ,  इस लेखनी का रंग जिस पर चढ़ जाऍ | इस व्यस्त दिनचर्या में समय "सोनी" निकाल पाए  ,  इस लेखनी का रंग जिस पर चढ़ जाऍ | इस लेखनी में जो खो जाऍ , वह तो अपनी दुनिया अलग ही बना पाऍ | है कला की देवी मां सरस्वती का यह वरदान  ,  इस लेखनी में जो सफल हो जाऍ |  इस लेखनी का रंग जिस पर चढ़ जाऍ ,  उसे तो बिना लिखे हुए चैन ना |   The color of this stylus, which climbs on it,  He did not come peacefully without writing.  How can he write secretly,  The color of this stylus to which it will climb.  In this busy routine, "Soni" was able to find time,  The color of this stylus to which it will climb.  Who gets lost in this pen,  He can make his world different.  This is the boon of Saraswati, the mother goddess of art,  Be successful in this pen.  The color of this stylus, which climbs on it, ...

ऊपर वाला सब देख रहा है सीसीटीवी में

 ऊपर वाला सब देख रहा है, सीसीटीवी में कुछ नेक काम कर ले बंदे, कुछ नेक काम कर ले | वरना पड़ेंगे डंडे ऊपर वाले से क्योंकि,  ऊपर वाला सब देख रहा है, सीसीटीवी में | अगर नहीं पड़ता है फर्क तो, मिलेगा स्वर्ग नहीं नर्क  क्योंकि ऊपर वाला सब देख रहा है, सीसीटीवी में | हॅस ले और हॅसा ले, किसी को मत रुला दे  क्योंकि ऊपर वाला सब देख रहा है, सीसीटीवी में | अपने पराए  में फर्क ना कर,जो मिल जाए उसकी मदद कर  क्योंकि ऊपर वाला सब देख रहा है, सीसीटीवी में | All the above is watching, in CCTV  Stop doing some noble work, do some noble work.  Otherwise, poles will have to be from the top because  The top one is watching, all in CCTV.  If it does not make a difference, you will get hell, not heaven  Because everyone above is watching, in CCTV.  Laugh and laugh, don't make anyone cry  Because everyone above is watching, in CCTV.  Do not make a difference in your stranglehold, help what you find  Because everyone above is watching, in C...

हर रिश्ते में कमी देखी हूंँ

 हर रिश्ते में कमी मैं देखी हूँ  ,  हर रिश्ते को सस्ते में बिकते हुए मैं देखी हूंँ |  हर रिश्ते में कांटे लगते मैं देखी हूंँ  ,  हर रिश्ते को मतलबी होते हुए मैं देखी हूंँ |  है कौन - सा रिश्ता जिसे मैं ना बदलते देखी हूँ ?  हर रिश्ते को थमते मैं देखी हूंँ  ,  हर रिश्ते को रुकते मैं देखी हूंँ  |  हर रिश्ते को नीचे गिरते मैं देखी हूंँ  ,  हर रिश्ते को उलझते मैं देखी हूंँ  | है कौन -सा रिश्ता जिसे मैं ना बदलते देखी हूंँ ?  हर रिश्ते में ना सुलझने वाला गांठ बनते मैं देखी हूंँ  ,  हर रिश्ते में कांटे पनपते मैं देखी हूंँ | हर रिश्ते में कली को फूल बनने से पहले टूटते हुए मैं देखी हूंँ ,  हर रिश्ते की जड़ को ना सींचते हुए मैं देखी हूंँ | है कौन - सा रिश्ता जिसे मैं ना बदलते देखी हूंँ  ?  हर रिश्ते को सूखे वृक्ष की तरह झड़ते हुए  मैं देखी हूंँ  ,  हर रिश्ते की टहनियों को कटते हुए मैं  देखी हूंँ  | हर रिश्ते को फलने - फूलने से पहले टूटते हए मैं देखी हूंँ  ,  क...